इनके गाये गानों ने लोगों का दिल छू लिया। इनका म्यूजिक लोगों के सिर चड़ने लगा। इसके बाद उन्होंने फिल्म निर्माण में कदम रखा। उन्होंने साल 1989 में पहली फिल्म 'लाल दुपट्टा मलमल का' बनाई और इस फिल्म का संगीत बहुत पॉपुलर हुआ।

गुलशन कुमार एक महान इंसान थे जिन्होंने अपने समाज के लिए बहुत कुछ किया। जमीन से जुड़े हुए गुलशन कुमार ने अपनी उदारता भी खुलकर दिखाई। उन्होंने अपने धन का एक हिस्सा समाज सेवा के लिए दान किया। उन्होंने वैष्णो देवी में एक भंडारे की स्थापना की जो आज भी तीर्थयात्रियों के लिए भोजन उपलब्ध कराता है।

बता दें कि 12 अगस्त, 1997 को मुंबई में एक मंदिर के बाहर गोली मारकर गुलशन की हत्या कर दी गयी थी। ये महान शख्स भले ही दुनिया को छोड़कर हमसे दूर चले गए लेकिन आज भी इनकी आवाज जिन्दा है।

मरने के 21 साल बाद भी गुलशन कुमार को कोई नहीं भुला है यही इनकी लोकप्रियता को दर्शाता है. गुलशन ने जिस म्यूजिक कंपनी की नींव राखी थी, आज उनके बेटे उसे आगे बढ़ा रहे है. टीसीरीज अब यूट्यूब की रचे में भी आगे निकल रहा है. विदेश कि एक कंपनी को ये यूट्यूब में टक्कर दे रहा है. गुलशन कुमार की ये विरासत आज भी कमल दिखा रही है https://www.jivaniitihashindi.com/t-series-gulshan-kumar-biography-%E0%A4%97%E0%A5%81%E0%A4%B2%E0%A4%B6%E0%A4%A8-%E0%A4%95%E0%A5%81%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%B0-%E0%A4%9F%E0%A5%80%E0%A4%B8%E0%A5%80%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%9C/
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