Monday, May 7, 2018

भगवतशरण उपाध्याय का जीवन परिचय#Introduction of life of Bhagwatshana Upadhyaya

भगवतशरण उपाध्याय का जन्म 1910 ई0 को उजियारपुर, जिला- बलिया उत्तरप्रदेश में हुआ। उपाध्याय जी ने संस्कृत, हिन्दी साहित्य, इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्त्व का गहन अध्ययन किया। आपकी भाषा शैली तत्सम् शब्दों से युक्त साहित्यिक खड़ीबोली है। आपने विवेचनात्मक भावुकता पूर्ण, चित्रात्मक भाषा का प्रयोग तथा कहीं-कहीं रेखाचित्र शैली का प्रयोग किया है।
रचनाएँ-
विश्व साहित्य की रूपरेखा, कालिदास का भारत, कादम्बरी, ठूँठा आम, लाल चीन, गंगा-गोदावरी, बुद्ध वैभव, साहित्य और कला, सागर की लहरों पर।
शैली- उपाध्याय जी ने विषय एवम प्रसंगों के अनुसार विभिन्न शैलियों का प्रयोग किया है। इतिहास और पुरातात्विक संबंध निबंध लेखन में वर्णात्मक शैली, साहित्य और कला, कालिदास आदि रचनाओं में समीक्षात्मक शैली दृष्टव्य है। कलाकृतियों परिचय में भावात्मक शैली का प्रयोग भी देखने को मिलता है। हिंदी में इतिहास और पुरातत्व की कलात्मक प्रस्तुति करने वाले उपाध्याय जी का हिंदी साहित्य जगत में विशिष्ट स्थान है।
संपादन-
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की शोध पत्रिका का संपादन। हिन्दी विश्वकोश संपादक-मंडल के सदस्य। विशेष-मारीशस में भारते के राजदूत तथा विक्रम विश्वविद्यालय में इतिहास के प्रोफेसर रहे।
निधन 
 12 अगस्त 1982 ई0 को हुआ।

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