Monday, May 7, 2018

केसरी सिंह बारहठ का जीवन परिचय #Introduction of Kesri Singh Barhath

कुलदीप नैयर भारत के प्रसिद्ध लेखक एवं पत्रकार हैं। इनका जन्म 14 अगस्त 1924, को सियालकोट (अब पाकिस्तान) में हुआ। उनकी parambhik शिक्षा सियालकोट में हुई। इन्होने विधि की डिग्री लाहौर से की और यू॰एस॰ए॰ से पत्रकारिता की डिग्री ली। दर्शनशास्त्र में इन्होने पी॰एच॰डी॰ की। भारत सरकार के प्रेस सूचना अधिकारी के पद पर कई वर्षों तक कार्य करने के बाद वे यू॰एन॰आई॰, पी॰आई॰बी॰, ‘द स्टैट्समैन', ‘इण्डियन एक्सप्रेस' के साथ लम्बे समय तक जुड़े रहे। वे पच्चीस वर्षों तक ‘द टाइम्स' लन्दन के संवाददाता भी रहे।

रचनाएँ
इनके रचनाएँ ‘बिटवीन द लाइन्स', ‘डिस्टेण्ट नेवर : ए टेल ऑफ द सब काॅनण्टीनेण्ट', ‘इण्डिया आफ्टर नेहरू', ‘वाल एट वाघा, इण्डिया पाकिस्तान रिलेशनशिप', ‘इण्डिया हाउस', ‘स्कूप' (सभी अंग्रेज़ी में)। ‘द डे लुक्स ओल्ड' के नाम से प्रकाशित कुलदीप नैयर की आत्मकथा भी काफी चर्चित रही है। सन् 1985 से उनके द्वारा लिखे गये सिण्डिकेट कॉलम विश्व के अस्सी से ज्यादा पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे हैं।

सम्मान/पुरस्कार
नॉर्थवेस्ट यूनिवर्सिटी द्वारा ‘एल्यूमिनी मेरिट अवार्ड' (1999)। सन् 1990 में ब्रिटेन के उच्चायुक्त नियुक्त किये गये। सन् 1996 में भारत की तरफ से संयुक्त राष्ट्र संघ को भेजे गये प्रतिनिधि मण्डल के सदस्य भी रहे। अगस्त, 1997 में राज्यसभा के मनोनीत सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए।
सरहद संस्था की अोर से दिया जाने वाला संत नामदेव राष्ट्रीय पुरस्कार 2014 ज्येष्ठ पत्रकार कुलदीप नैय्यर को मिला है। इससे पहले ये पुरस्कार विजयकुमार चोपडा, एस॰ एस॰ विर्क, गुलजार, यश चोपड़ा, माँटेक सिंह अहलुवालिया, जतिंदर पन्नू, सत्यपाल सिंह, के॰ पी॰ एस॰ गिल को दिया गया है।
23 नवम्बर, 2015 को वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक कुलदीप नैयर को पत्रकारिता में आजीवन उपलब्धि के लिए रामनाथ गोयनका स्मृ़ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें यह पुरस्कार दिल्ली में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में केद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने प्रदान किया।

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