डेस्क। श्रीगणेश की पूजा का विशेष दिन है बुधवार है इस दिन स्नानादि करके शुद्ध होने के बाद श्रीगणेश को सिंदूर, चंदन, यज्ञोपवीत, दूर्वा, लड्डू या गुड़ से बनी मिठाई का भोग लगाते हुए धूप और दीप से आरती करते हुए उनकी पूजा करें।
मंत्रो का उच्चारण करे गणेश जी ऐसे देवता है जिनकी पूजा स्वयं ब्रह्मदेव करते हैं ऐसे देवता, जो मनोरथ सिद्धि करने वाले, भय दूर करने वाले, शोक का नाश करने वाले, गुणों के नायक, गजमुख, और अज्ञान का नाश करने वाले हैं। शिव पुत्र श्री गणेश की सुख-सफलता की कामना से भजन, पूजन और स्मरण करता चाहिए। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह अशुभ स्थिति में हो तो बुधवार को बुध ग्रह की शांति के लिए भी पूजा की जाती है।
पार्वती नन्दन श्री गणेशजी को सिर झुकाकर प्रणाम करें और फिर अपनी आयु, कामना और अर्थ की सिद्धि के लिये उन भक्तनिवास का नित्यप्रति स्मरण करें। पहला वक्रतुण्ड (टेढे मुखवाले), विनायक, ग्यारवां गणपति और बारहवां गजानन। इन बारह नामों का जो मनुष्य तीनों सन्धायों (प्रातः, मध्यान्ह और सांयकाल) में पाठ करता है, हे प्रभु ! उसे किसी प्रकार के विध्न का भय नहीं रहता इस प्रकार का स्मरण सिद्धियां देने वाला है।
मंत्रो का उच्चारण करे गणेश जी ऐसे देवता है जिनकी पूजा स्वयं ब्रह्मदेव करते हैं ऐसे देवता, जो मनोरथ सिद्धि करने वाले, भय दूर करने वाले, शोक का नाश करने वाले, गुणों के नायक, गजमुख, और अज्ञान का नाश करने वाले हैं। शिव पुत्र श्री गणेश की सुख-सफलता की कामना से भजन, पूजन और स्मरण करता चाहिए। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह अशुभ स्थिति में हो तो बुधवार को बुध ग्रह की शांति के लिए भी पूजा की जाती है।
पार्वती नन्दन श्री गणेशजी को सिर झुकाकर प्रणाम करें और फिर अपनी आयु, कामना और अर्थ की सिद्धि के लिये उन भक्तनिवास का नित्यप्रति स्मरण करें। पहला वक्रतुण्ड (टेढे मुखवाले), विनायक, ग्यारवां गणपति और बारहवां गजानन। इन बारह नामों का जो मनुष्य तीनों सन्धायों (प्रातः, मध्यान्ह और सांयकाल) में पाठ करता है, हे प्रभु ! उसे किसी प्रकार के विध्न का भय नहीं रहता इस प्रकार का स्मरण सिद्धियां देने वाला है।

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